गज़लकार दिलीप के निधन से साहित्यकार व ग्रामीण हुए शोकाकुल

गज़लकार दिलीप के निधन से साहित्यकार व ग्रामीण हुए शोकाकुल

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बरियारपुर (मुंगेर) से नरेश आनंद की रिपोर्ट। गज़लकार दिलीप कुमार सिंह दीपक के निधन से लक्ष्मीपुर (लोहची) गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। श्री सिंह बिहार राज्य के राजा कर्ण की नगरी मुंगेर जिला के लक्ष्मीपुर (लोहची) गांव के निवासी हैं।आज अहले सुबह 62 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी लीला समाप्त की।
दो वर्ष पूर्व रेलवे वर्कशॉप जमालपुर से सेवा निवृत्त होकर अपने ग़ज़ल को किताब का आकार देने में लगे थे। रोज साहित्यकारों से चर्चा करते। लेकिन भगवान को शायद मंजूर नहीं था। वो अपने पीछे पत्नी, दो बेटी, एक दामाद और एक बेटा छोड़ गए।
दीपक जी के निधन पर साहित्यकारों ने शोक व्यक्त किया है जिसमें डॉ. विभुरंजन, डॉ. शशि आनंद अलबेला, शत्रुध्न आर्या, भावानंद सिंह, डॉ. श्यामल सुंदर आर्य, ब्रह्मदेव, पारस कुंज, कमलकांत पाण्डेय, नारायण झा, छाया पाण्डेय, श्रीनिवासन उपाध्याय, शंभुनाथ मिस्त्री, अधिवक्ता डॉ. पुष्पलता, संपादक राजेन्द्र सिंह ‘गुरु जी’, सीतांशु अरूण, प्रो. डॉ. शुभ कुमार वर्णवाल, ओमप्रकाश जायसवाल, बासा के पूर्व अध्यक्ष सह साहित्यकार सुरेश कुमार शर्मा, अरविंद कुमार मुन्ना, रेल अधिकारी सह साहित्यकार शेखर खगाड़ी, हरिशंकर शुक्ला, कुमार भारतेंदु, दूरदर्शन के पूर्व अधिकारी सह साहित्यकार शंभू प्रसाद सिंह, इकराम हुसैन शाद, अश्वनी प्रजावंशी, पूर्व आकाशवाणी पदाधिकारी सह कवि अरूण कुमार पासवान, सीताराम कुशवाहा, जयकृष्ण पटेल, अभय कुमार भारती, अनुज भारती, भारती शर्मा, सुल्तानगंज नगर परिषद के वार्ड पार्षद सह बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय कुमार चौधरी, अधिवक्ता ई. देवेश मिश्रा, संजीव प्रियदर्शी, प्राण मोहन प्रीतम, संजय कुमार सुमन, प्रो. डॉ. नवीन निकुंज, सत्यनारायण मंडल, हरे राम गुप्ता, रामकिशोर सिंह, प्रो. डॉ. अंजनी कुमार सुमन, अनिरुद्ध प्रसाद विमल, प्रभाकर कुमार, अनिल किशोर सहाय, आनन्द भूषण श्रीवास्तव आदि शामिल हैं।
शत् शत् नमन।

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